किसानों को जैविक खेती व परंपरागत खेती क्यों करनी चाहिए :-
- लगातार यूरिया डीएपी का प्रयोग करने से भूमि बंजर होती जा रही है
- कीटनाशक में फंगीसाइड के प्रयोग से पानी वातावरण जहरीला हो रहा है
- यूरिया व डीएपी की कीमतें दिनों दिन बढ़ती जा रही है पर किसानों का उत्पादन नहीं बढ़ रहा है, जिससे किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है।
- खरपतवार नाशियों व किटनाशियों के लगातार प्रयोग करने से लाभदायक सूक्ष्म जीव व कीटों की संख्या लगातार घटती जा रही है
- पानी की कमी हो रही है क्योंकि केमिकल फार्मिंग मे पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है
- लगातार केमिकलों के प्रयोग करने से हमारा खान-पांन दुषित या जहरीला हो गया है जिसके कारण वर्तमान समय में कैंसर हार्ट अटैक बी पी जैसे खतरनाक बीमारियों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता ही चला जा रहा है
- वर्तमान समय में शायद ही कोई परिवार ऐसा होगा जिसमें सभी लोग स्वस्थ हो । जहां तक है वहां तक आजकल हर घर में कोई ना कोई बीमार है।
- यूरिया व डीएपी का प्रयोग करने से मृदा में नाइट्रोजन व फास्फोरस की मात्रा तो पर्याप्त होती है लेकिन सूक्ष्म पोषक तत्व की मात्रा में कमी आ रही है जिससे उत्पादन घट रहा है
- इंसेक्टिसाइड,फंगीसाइड आदि के प्रति किट प्रति रोधी होते जा रहे हैं
- खेती में ऐसी ऐसी बीमारियां होती है जिसके कारण पूरी की पूरी फसल खराब हो जाती है हम उसमें कोई भी दवाई का स्प्रे कर ले तो भी वह कंट्रोल नहीं होती है
- केमिकल फार्मिंग के कारण किटो व खरपतवारों की लाइफ साइकिल में भी परिवर्तन हो रहा है
- लगातार भूमि में कार्बन की मात्रा में गिरावट आ रही है।
- ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु में भी परिवर्तन हो रहा है।